शिक्षा के महत्व को समझते हुए उत्तराखण्ड में भी अनेक शिक्षण संस्थाएँ प्रतिभा के विकास में अपना-अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रही हैं। इस क्रम में 1979 ई0 में चम्बा (टिहरी गढ़वाल) में राजकीय महाविद्यालय की स्थापना हुई। नई टिहरी नगर के अस्तित्व में आने के उपरान्त उक्त महाविद्यालय को ही उच्चीकृत कर दिनांक 08 सितम्बर, 2003 को यहाँ स्थानान्तरित कर दिया गया। त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) से संरक्षित, त्रिदेवियों (सुरकण्डा, चन्द्रबदनी, कुंजापुरी) से अधिष्ठित, त्रिनदियों (भागीरथी, भिलंगना, घृत) से आच्छादित, स्वामी रामतीर्थ के तपश्चरण से पावनीकृत, श्रीदेव सुमन की क्रान्ति-सुगन्ध से सुवासित टिहरी (टिहरी) लोककल्याणार्थ अपने अस्तित्व को समाप्त करके भुवन-भाष्कर की प्रथम किरणों से प्रकाशित नई टिहरी के रूप में स्थापित हुई।
इसी नए शहर के हृदय-बिन्दु में अवस्थित इस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्थापना के प्रथम सत्र से ही स्नातकोत्तर स्तर तक कला, विज्ञान व वाणिज्य संकायों के कुल 19 विषयों में एक साथ पठन-पाठन प्रारम्भ किया गया था। महाविद्यालय जी0आई0टी0आई0 एवं पूर्व मॉडल स्कूल के भवनों में संचालित किया जा रहा है। शासनादेश संख्या 198/xxiv(7) 2015-2(6)08 दिनांक 08.05.2015 के द्वारा महाविद्यालय को विधिवत् स्नातकोत्तर महाविद्यालय का दर्जा पाठ्यक्रमों के प्रारम्भ की तिथि से दिया गया है।